Saturday 13 May 2017

राज व्यवस्था - 7 - संविधान : मौलिक कर्तव्य


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                   राज व्यवस्था - 7 - संविधान : मौलिक कर्तव्य 
            राजव्यवस्था – संविधान / मौलिक कर्तव्य
             
        अनुच्छेद 51(क) : भारत के नागरिकों के मौलिक कर्तव्य
Ø  सरदार स्वर्ण सिंह समिति की अनुशंसा पर संविधान मे मौलिक कर्तव्यों का समावेश किया गया ।
Ø  संविधान के 42वें संशोधन 1976 के द्वारा मौलिक कर्तव्य को संविधान में जोड़ा गया ।
Ø  मौलिक कर्तव्यों की प्रेरणा रूस के संविधान से ली गयी है।
Ø   इसे संविधान के  भाग 4(क) में अनुच्छेद 51(क) के तहत रखा गया है
Ø  मूल रूप से मौलिक कर्तव्य की संख्या 10 थी जो 86वें संविधान संशोधन 2002 के पश्चात 11 हो गयी है ।  

1. प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र गान का आदर करें. 
2. स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करनेवाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखे और उनका पालन करे.
3. भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण रखे. 
4. देश की रक्षा करे
ओर आह्वान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करे ।
5. भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करे. 
6. हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझे और उसका निर्माण करे. 
7. प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और उसका संवर्धन करे,
प्राणी मात्र के प्रति दया भाव रखे।
8. वैज्ञानिक दृष्टिकोण,
मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार  की भावना का विकास करे. 
9. सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे
ओर हिंसा से दूर रहे ।  
10. व्यक्तिगत एवं सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत प्रयास करे. 
11. माता-पिता या संरक्षक
द्वारा 6 से 14 वर्ष के बच्चों हेतु प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना (86वां संशोधन).


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