सिंधु घाटी सभ्यता-2 (खोज,नामकरण, प्राप्त वस्तुएँ एवं विस्तार )
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सिंधु घाटी सभ्यता – महत्वपूर्ण तथ्य
खोज-
Ø विश्व
की प्राचीनतम सभ्यताओं मे से एक सिंधु घाटी सभ्यता की की खोज 1921 मे पश्चिमी
पंजाब (वर्तमान पाकिस्तान ) के मोण्टगुमरी जिले मे हड़प्पा नामक स्थान पर दायराम
साहनी ओर माधव स्वरूप वत्स ने की थी ।
Ø अगले
ही वर्ष 1922 मे राखलदास बनर्जी ने पाकिस्तान के सिंध प्रांत मे लरकाना जिले मे इस
सभ्यता के दूसरे महत्वपूर्ण नगर मोहनजोदड़ों की खोज की ।
Ø मोहनजोदड़ों
को नखलिस्तान, सिंध का बाग ओर “मृतकों का टीला”
के नाम से भी जाना जाता है ।
Ø मोहनजोदड़ों
सिंधु नदी के तट पर जबकि हड़प्पा रावी नदी के तट पर बसा था ।
नामकरण-
Ø इस
सभ्यता के प्रारम्भिक सभी स्थल सिंधु व उसकी सहायक नदियों के आस पास ही मिले इसलिए
पुरातत्व विभाग के तत्कालीन निदेशक जान मार्शल ने इसे “सिंधु घाटी सभ्यता” नाम
दिया ।
Ø परंतु
बाद मे धीरे धीरे इसके नगरों के अवशेष गंगा यमुना के दोआब से लेकर नर्मदा-ताप्ती
के मुहानों तक प्राप्त हुए । अतः सर्वप्रथम खोजे गए स्थान के नाम के आधार पर इसे “हड़प्पा
सभ्यता” कहा गया ।
प्रमुख स्थल-
सिंधु घाटी सभ्यता से सम्बद्ध सैकड़ो स्थलो की खोज
अब तक हो चुकी है । स्वतन्त्रता के पश्चात मोहनजोदड़ों, हड़प्पा जैसे डो महत्वपूर्ण स्थल वर्तमान पाकिस्तान मे है। कुछ महत्वपूर्ण
स्थल एवं प्रदेशों की जानकारी सूचीबद्ध है ।
सिंधु
घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थल
क्षेत्र
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प्रमुख स्थल
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अफगानिस्तान
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मुंडिगाक ओर शोर्तुघई
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बलूचिस्तान पाकिस्तान
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सुत्कांगेंडोर, मेहरगढ़, सोत्काकोह, बालाकोट,
डाबरकोट
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सिंध पाकिस्तान
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मोहनजोदड़ो
चनहुदड़ो कोटदिजी अलिमुराद ओर अमरी
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पश्चिमी पंजाब पाकिस्तान
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हड़प्पा डेरा इस्माइल खान रहमान डेरी
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पंजाब भारत
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रोपड़ बाड़ा ओर संघोल
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हरियाणा मे
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बनवाली राखिगढ़ी मिताथल
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जम्मू कश्मीर
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मांडा
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पश्चिमी उत्तरप्रदेश
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आलमगीरपुर
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गुजरात
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काठियावाड़-लोथल रंगपुर रोजड़ी प्रभासपाटन
कच्छ का रन – धौलावीरा सुरकोटड़ा देशलपुर
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राजस्थान
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कालीबंगा
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प्रमुख अवशेष एवं वस्तुएँ –
सिंधु घाटी सभ्यता के विभिन्न शहरो से कई पुरावशेष
एवं वस्तुएँ प्राप्त हुई इन पर समान्यतः प्रश्न पूछे जाते है ।
कुछ महत्वपूर्ण अवशेषो एवं वस्तुओं की सूची –
स्थल
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प्राप्त वस्तुएँ
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मोहनजोदड़ों
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विशाल स्नानागार ,
प्रसिद्ध कांसे की नर्तकी , सभाभवन,
दाढ़ी वाले साधू की मूर्ति, हाथी का कपाल खंड, विशाल अन्नागार, सीपी की स्केल
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हड़प्पा
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पीतल का इक्का, 6-6 की दो
पंक्ति मे निर्मित 12 कक्ष वाला अन्नागार, शंख का बैल
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चनहुदड़ो
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गुड़िया ओर मनके बनाने का कारख़ाना,
लिपिस्टिक
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कालीबंगा
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काली मिट्टी की चुड़ियाँ ,अलंकृत
ईंटे, जूते हुए खेत के साक्ष्य
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लोथल
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कृत्रिम बन्दरगाह (गोदिबाड़ा), युग्मित
शवाधान , अग्नि पुजा(अग्निवेदी),
फारस की मुहरे
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सुरकोटड़ा
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घोड़े के अवशेष, कलश शवाधान, अनोखी कब्रगाह
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बनवाली
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जौ के अवशेष , तांबे के
बाणाग्र
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रंगपुर
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धान की भूसी के ढेर
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रोपड़
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तांबे की कुल्हाड़ी
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धौलावीरा
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हड़प्पा लिपि का 10 चिन्ह वाला शिलालेख
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सिंधु सभ्यता का विस्तार –
Ø सिंधु
सभ्यता का मुख्य केंद्र पंजाब ओर सिंध मे सिंधु नदी ओर इसकी सहायक नदियों के आसपास
था ।
Ø इसके
अलावा सिंधु घाटी सभ्यता से सम्बद्ध स्थल बलूचिस्तान, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पश्चिमी उत्तरप्रदेश , जम्मू कश्मीर , पश्चिमी महाराष्ट्र तक प्राप्त हुए है ।
Ø सिंधु
सभ्यता का भौगोलिक आकार त्रिभुजाकार है ।
Ø सिंधु
सभ्यता की उत्तरी सीमा चिनाब नदी के पास जम्मू स्थित मांडा है ।
Ø सर्वाधिक
पूर्वी स्थल बलूचिस्तान स्थित सुत्कांगेंडोर है ।
Ø पूर्व
मे ये सभ्यता उत्तरप्रदेश के आलमगीरपुर तक विस्तृत है ।
Ø दक्षिण
मे महाराष्ट्र के दाइमाबाद(दैमाबाद) तक सिंधु घाटी सभ्यता का फैलाव है ।
शेष अगले भाग मे ......
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