Wednesday 3 May 2017

सिंधु घाटी सभ्यता-2 (खोज,नामकरण, प्राप्त वस्तुएँ एवं विस्तार )


       सिंधु घाटी सभ्यता-2 (खोज,नामकरण, प्राप्त वस्तुएँ एवं विस्तार )
सिंधु घाटी सभ्यता भाग 1 के लिए क्लिक करे


             सिंधु घाटी सभ्यता – महत्वपूर्ण तथ्य

खोज-

Ø विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं मे से एक सिंधु घाटी सभ्यता की की खोज 1921 मे पश्चिमी पंजाब (वर्तमान पाकिस्तान ) के मोण्टगुमरी जिले मे हड़प्पा नामक स्थान पर दायराम साहनी ओर माधव स्वरूप वत्स ने की थी ।
Ø अगले ही वर्ष 1922 मे राखलदास बनर्जी ने पाकिस्तान के सिंध प्रांत मे लरकाना जिले मे इस सभ्यता के दूसरे महत्वपूर्ण नगर मोहनजोदड़ों की खोज की ।
Ø मोहनजोदड़ों को नखलिस्तान, सिंध का बाग ओर “मृतकों का टीला” के नाम से भी जाना जाता है ।
Ø मोहनजोदड़ों सिंधु नदी के तट पर जबकि हड़प्पा रावी नदी के तट पर बसा था ।

नामकरण-

Ø इस सभ्यता के प्रारम्भिक सभी स्थल सिंधु व उसकी सहायक नदियों के आस पास ही मिले इसलिए पुरातत्व विभाग के तत्कालीन निदेशक जान मार्शल ने इसे “सिंधु घाटी सभ्यता” नाम दिया ।
Ø परंतु बाद मे धीरे धीरे इसके नगरों के अवशेष गंगा यमुना के दोआब से लेकर नर्मदा-ताप्ती के मुहानों तक प्राप्त हुए । अतः सर्वप्रथम खोजे गए स्थान के नाम के आधार पर इसे “हड़प्पा सभ्यता” कहा गया । 

प्रमुख स्थल-

सिंधु घाटी सभ्यता से सम्बद्ध सैकड़ो स्थलो की खोज अब तक हो चुकी है । स्वतन्त्रता के पश्चात मोहनजोदड़ों, हड़प्पा जैसे डो महत्वपूर्ण स्थल वर्तमान पाकिस्तान मे है। कुछ महत्वपूर्ण स्थल एवं प्रदेशों की जानकारी सूचीबद्ध है ।

सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थल

क्षेत्र
प्रमुख स्थल
अफगानिस्तान
मुंडिगाक ओर शोर्तुघई
बलूचिस्तान पाकिस्तान
सुत्कांगेंडोर, मेहरगढ़, सोत्काकोह, बालाकोट, डाबरकोट
सिंध पाकिस्तान
मोहनजोदड़ो चनहुदड़ो कोटदिजी अलिमुराद ओर अमरी
पश्चिमी पंजाब पाकिस्तान
हड़प्पा डेरा इस्माइल खान रहमान डेरी
पंजाब भारत
रोपड़ बाड़ा ओर संघोल
हरियाणा मे
बनवाली राखिगढ़ी मिताथल
जम्मू कश्मीर
मांडा
पश्चिमी उत्तरप्रदेश
आलमगीरपुर
गुजरात
काठियावाड़-लोथल रंगपुर रोजड़ी प्रभासपाटन
कच्छ का रन – धौलावीरा सुरकोटड़ा देशलपुर
राजस्थान
कालीबंगा

  
 प्रमुख अवशेष एवं वस्तुएँ –

सिंधु घाटी सभ्यता के विभिन्न शहरो से कई पुरावशेष एवं वस्तुएँ प्राप्त हुई इन पर समान्यतः प्रश्न पूछे जाते है ।
कुछ महत्वपूर्ण अवशेषो एवं वस्तुओं की सूची –

स्थल
प्राप्त वस्तुएँ
मोहनजोदड़ों
विशाल स्नानागार , प्रसिद्ध कांसे की नर्तकी , सभाभवन, दाढ़ी वाले साधू की मूर्ति, हाथी का कपाल खंड, विशाल अन्नागार, सीपी की स्केल
हड़प्पा
पीतल का इक्का, 6-6 की दो पंक्ति मे निर्मित 12 कक्ष वाला अन्नागार, शंख का बैल
चनहुदड़ो
गुड़िया ओर मनके बनाने का कारख़ाना, लिपिस्टिक
कालीबंगा
काली मिट्टी की चुड़ियाँ ,अलंकृत ईंटे, जूते हुए खेत के साक्ष्य
लोथल
कृत्रिम बन्दरगाह (गोदिबाड़ा), युग्मित शवाधान , अग्नि पुजा(अग्निवेदी), फारस की मुहरे
सुरकोटड़ा
घोड़े के अवशेष, कलश शवाधान, अनोखी कब्रगाह
बनवाली
जौ के अवशेष , तांबे के बाणाग्र
रंगपुर
धान की भूसी के ढेर
रोपड़
तांबे की कुल्हाड़ी
धौलावीरा
हड़प्पा लिपि का 10 चिन्ह वाला शिलालेख

सिंधु सभ्यता का विस्तार –
  

Ø सिंधु सभ्यता का मुख्य केंद्र पंजाब ओर सिंध मे सिंधु नदी ओर इसकी सहायक नदियों के आसपास था ।
Ø इसके अलावा सिंधु घाटी सभ्यता से सम्बद्ध स्थल बलूचिस्तान, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पश्चिमी उत्तरप्रदेश , जम्मू कश्मीर , पश्चिमी महाराष्ट्र तक प्राप्त हुए है ।
Ø सिंधु सभ्यता का भौगोलिक आकार त्रिभुजाकार है ।
Ø सिंधु सभ्यता की उत्तरी सीमा चिनाब नदी के पास जम्मू स्थित मांडा है ।
Ø सर्वाधिक पूर्वी स्थल बलूचिस्तान स्थित सुत्कांगेंडोर है ।
Ø पूर्व मे ये सभ्यता उत्तरप्रदेश के आलमगीरपुर तक विस्तृत है ।
Ø दक्षिण मे महाराष्ट्र के दाइमाबाद(दैमाबाद) तक सिंधु घाटी सभ्यता का फैलाव है

                         
                            शेष अगले भाग मे ......
   

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