Saturday 13 May 2017

भारतीय इतिहास - समाचार पत्र एवं उनके संस्थापक

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               समाचार पत्र एवं उनके संस्थापक

  • भारत मे सर्वप्रथम प्रैस की स्थापना पुर्तगालियों ने 1550 ई. मे की थी।
  • जबकि प्रथम छपी हुई पुस्तक का प्रकाशन गोवा के ईसाई पादरियों द्वारा 1557 ई. मे हुआ था ।
  • 1684 मे ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा बंबई मे अपनी प्रथम प्रैस स्थापित की गई।   
  • भारत मे समाचार पत्रों का इतिहास भी यूरोपीय लोगो के आगमन के बाद ही प्रारम्भ होता है ।
  • भारत का पहला समाचार पत्र बंगाल गज़ट को माना जाता है । जिसकी स्थापना जेम्स आगस्टस हिक्की ने 1780 मे की थी।
  • किसी भी भारतीय द्वारा अँग्रेजी मे प्रकाशित प्रथम समाचार पत्र 1816 मे गंगाधर भट्टाचार्य का बंगाल गज़ट था ।
  • 1818 मे जे.सी. मार्शमेन द्वारा बंगाली मे पहला पत्र दिग्दर्शन के नाम से प्रारम्भ किया गया ।

                
           प्रमुख समाचार पत्र/पत्रिका एवं संस्थापक

समाचार पत्र
संस्थापक
बंगाल गज़ट -1780 (कोलकाता)
जेम्स आगस्टस हिक्की
बंगाल गज़ट -1816
गंगाधर भट्टाचार्य
दिग्दर्शन -1818
मार्शमेन
संवाद कौमुदी-1821
राजा राम मोहन राय
मीरात-उल-अखबार (फारसी)
राजा राम मोहन राय
हिन्दु पैट्रीयट
गिरिशचंद्र घोष
सोमप्रकाश 
ईश्वर चंद्र विध्यासागर
उदन्त मार्तंड -1826 
(हिन्दी का प्रथम )
जुगल किशोर
अमृत बाजार पत्रिका
शिशिर कुमार घोष
इंडियन मिरर
देवेन्द्रनाथ टेगोर
हिन्दु
वीर राघवाचारी
केसरी (मराठी मे)
बाल गंगाधर तिलक
मराठा (अँग्रेजी मे )
बाल गंगाधर तिलक
इंडिया
दादा भाई नौरोजी
इंडियन ओपिनियन (द.अफ्रीका से)
महात्मा गांधी
नव जीवन (गुजराती मे )
महात्मा गांधी
यंग इंडिया ( अँग्रेजी मे )
महात्मा गांधी
युगांतर
भूपेंद्र नाथ दत्त
लीडर
मदन मोहन मालवीय
सरवेंट्स ऑफ इंडिया
गोपाल कृष्ण गोखले
इंडिपेंडेन्स
मोतीलाल नेहरू
हिंदुस्तान टाइम्स
के.एम. पणिक्कर
हरिजन- 1933 मे
महात्मा गांधी
नेशनल हेराल्ड
जवाहरलाल नेहरू
अल हिलाल
अबुल कलाम आजाद
अल बिलाल
अबुल कलाम आजाद
कामरेड
मोहम्मद ली जिन्ना
हमदर्द
मोहम्मद अली जिन्ना
गदर 
(1913 मे सेंफ्रांसिस्को से )
गदर पार्टी का मुखपत्र
(उर्दू एवं गुरुमुखी मे)
न्यू इंडिया
एनी बेसेंट
कामन वील
एनी बेसेंट
बॉम्बे क्रोनिकल
फिरोज़शाह मेहता
कौमी आवाज (उर्दू )
जवाहरलाल नेहरू तथा रफी अहमद किदवई
स्वराज्य
टी. प्रकाशम
मुक नायक
भीमराव आंबेडकर
राफ़्त गोफ़्तार
दादा भाई नौरोजी
एस. ए. डांगे
द सोशलिस्ट

           http://eklavyagkmp.blogspot.in/
                    अन्य तथ्य

  • लॉर्ड वेलेजली ने सर्वप्रथम समाचार पत्रो पर सेंसरशिप लागू की थी ।
  • वर्नाकुलर प्रैस एक्ट (देशी भाषा समाचार पत्र अधिनियम) 1878 मे लॉर्ड लिटन के कार्यकाल मे पारित हुआ था । इसे मुंह बंद करने वाला अधिनियम  कहा गया ।
  • लॉर्ड रिपन ने 1882 मे वर्नाकुलर प्रैस एक्ट को रद्द करके भारतीय भाषाओं के समाचार पत्रों को भी अँग्रेजी पत्रों के समान स्वतन्त्रता प्रदान की ।
  • इस अधिनियम के तहत सोमप्रकाश पर कार्यवाही की गयी थी ओर इसके कारण ही अमृत बाजार पत्रिका रातोरात अँग्रेजी भाषा मे परिवर्तित हो गया था ।
  • चार्ल्स मेटकाफ को भारतीय समाचार पत्रों का मुक्तिदाता कहा जाता है ।
  • क्रिस्टोदास पाल लो पत्रकारिता का राजकुमार कहा जाता है ।
  • पत्रकारिता के कारण ब्रिटिश सरकार द्वारा सजा पाने वाले पहले भारतीय बाल गंगाधर तिलक थे ।

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