Sunday 16 April 2017

राज व्यवस्था -3 संविधान प्रमुख अनुच्छेद - मौलिक अधिकार

               
                     संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेद                           
Ø  अनुच्छेद 1 :  भारत राज्यों का संघ है.
Ø  अनुच्छेद 3: संसद विधि द्वारा नए राज्य बना सकती है तथा पहले से अवस्थित राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं एवं नामों में परिवर्तन कर सकती है.
                       नागरिकता (अनुच्छेद 5 से 11)
Ø  अनुच्छेद 5: संविधान के प्रारंभ होने के, समय भारत में रहने वाले वे सभी व्यक्ति यहां के नागरिक होंगे, जिनका जन्म भारत में हुआ हो, जिनके पिता या माता भारत के नागरिक हों या संविधान के प्रारंभ के समय से भारत में रह रहे हों.
                         मौलिक अधिकार: अनुच्छेद 14 से 35 तक
Ø  मौलिक अधिकार संविधान के भाग 4 मे अनुच्छेद 14 से 35 तक वर्णित है
1.  समता या समानता का अधिकार
                 (अनुच्छेद 14 से अनुच्छेद 18)
Ø    अनुच्छेद 14: विधि के समक्ष समता
Ø  अनुच्छेद 15: धर्म, नस्ल, जाति, लिंग या जन्म-स्थान के आधार पर भेद-भाव का    निषेध
Ø  अनुच्छेद 16: लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता
Ø  अनुच्छेद 17: अस्पृश्यता का अंत
Ø  अनुच्छेद 18: उपाधियों का अंत
                 2. स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19 से 22)
Ø  अनुच्छेद 19- मूल संविधान में 7 तरह की स्वतंत्रता का उल्लेख था, अब सिर्फ 6 हैं: 
19 (a)- बोलने की स्वतंत्रता.
 
19 (b)- शांतिपूर्वक बिना हथियारों के एकत्रित होने और सभा करने की स्वतंत्रता.
 
19 (c)- संघ बनाने की स्वतंत्रता.
 
19 (d)- देश के किसी भी क्षेत्र में आवागमन की स्वतंत्रता.
 
19 (e)-देश के किसी भी क्षेत्र में निवास करने और बसने की स्वतंत्रता.
 
19 (f)- संपत्ति का अधिकार.
 (44 वें संविधान संशोधन 1978 द्वारा विलोपित )
19 (g)- कोई भी व्यापार एवं जीविका चलाने की स्वतंत्रता. 
Ø अनुच्छेद 20- अपराधों के लिए दोष-सिद्धि के संबंध में संरक्षण
-    एक अपराध के लिए एक ही सजा
-    अपराध के समय प्रचलित कानून द्वारा ही सजा
-    स्वयं के विरुद्ध गवाही हेतु बाध्य नहीं

Ø अनुच्छेद 21-  प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता का सरंक्षण

Ø अनुच्छेद 21(क) राज्य 6 से 14 वर्ष के आयु के समस्त बच्चों को ऐसे ढंग से जैसा कि राज्य, विधि द्वारा अवधारित करें, निःशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध कराएगा. ( 86वां संशोधन 2002 के द्वारा).

Ø अनुच्छेद 22- कुछ दशाओं में गिरफ़्तारी और निरोध में संरक्षण

                  3. शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23 से 24)
Ø अनुच्छेद 23- मानव के दुर्व्‍यापार और बलात श्रम का प्रतिषेध
Ø अनुच्छेद 24- कारखानों आदि में 14 वर्ष तक बालकों के नियोजन का प्रतिषेध

                4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25 से 28)
Ø अनुच्छेद 25- अंत:करण की और धर्म की अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्‍वतंत्रता।
Ø अनुच्छेद 26- धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्‍वतंत्रता। 
Ø अनुच्छेद 27- किसी विशिष्‍ट धर्म की अभिवृद्धि के लिए करों के संदाय के बारे में स्‍वतंत्रता।
Ø अनुच्छेद 28- कुल शिक्षा संस्‍थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के बारे में स्‍वतंत्रता।

              5. संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार (अनुच्छेद 29 से 30)

Ø अनुच्छेद 29- किसी भी वर्ग के नागरिकों को अपनी संस्‍कृति सुरक्षित रखने, भाषा या लिपि बचाए रखने का अधिकार।
·                अल्‍पसंख्‍यक-वर्गों के हितों का संरक्षण।

Ø अनुच्छेद 30- शिक्षा संस्‍थाओं की स्‍थापना और प्रशासन करने का अल्‍पसंख्‍यक-वर्गों का अधिकार।

 

                       6. संवैधानिक उपचारों का अधिकार (अनुच्छेद ३२)

डॉ॰ भीमराव अंबेडकर ने संवैधानिक उपचारों के अधिकार  को 'संविधान का हृदय और आत्मा' की संज्ञा दी थी। इस सन्दर्भ में सर्वोच्च न्यायालय को पांच तरह के रिट निकालने की शक्ति प्रदान की गई है जो निम्न हैं:
                     (a) बंदी प्रत्यक्षीकरण
                      (b) परमादेश 
                       (c)
 प्रतिषेध लेख
                        (d) उत्प्रेषण
                         (e) अधिकार पृच्छा लेख 
(अनुच्छेद 32 के तहत सर्वोच्च न्यायालय ओर अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालय उपरोक्त रिट जारी कर सकते है )

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