Monday 10 April 2017

राज व्यवस्था - 1 - भारतीय संविधान के स्त्रोत

      


                   भारतीय संविधान के स्त्रोत


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भारतीय संविधान के अनेक देशी और विदेशी स्त्रोत हैं। भारतीय संविधान पर सबसे अधिक प्रभाव 'भारतीय शासन अधिनियम, 1935 का है. भारतीय संविधान के 395 अनुच्छेदों में से लगभग 250 अनुच्छेद 1935 ई० के अधिनियम से या तो शब्दश: या थोड़े परिवर्तन द्वारा ग्रहण किए गए है। अन्य विदेशी स्त्रोत निम्न है-
 (1)  संयुक्त राज्य अमेरिका:  -मौलिक अधिकार ,संविधान की सर्वोच्चता,न्यायिक पुनरावलोकन एवं न्यायपालिका की स्वतंत्रता, उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों को हटाने की विधिनिर्वाचित राष्ट्रपति पर महाभियोगउपराष्ट्रपति का
पद ,वित्तीय आपात
(2) ब्रिटेन:  -संसदात्मक शासन-प्रणाली ,संसदीय विशेषाधिकार, एकल
नागरिकता,  विधि का शासन एवं विधि निर्माण प्रक्रिया ,राष्ट्रपति की
संवैधानिक स्थिति
(3)  आयरलैंड:  -नीति निर्देशक सिद्धांत ,राष्ट्रपति के निर्वाचक-मंडल की
व्यवस्था राष्ट्रपति द्वारा राज्य सभा में साहित्यकलाविज्ञान तथा समाज
सेवा इत्यादि के क्षेत्र में ख्याति प्राप्त व्यक्तियों का मनोनयन.
(4)  ऑस्ट्रेलिया:-  प्रस्तावना की भाषा ,समवर्ती सूची का प्रावधानकेंद्र एवं राज्य
के बीच संबंध.
  (5)  जर्मनी: -आपातकालीन उपबंध.
  (6)  कनाडा:  -संघात्‍मक शासन व्यवस्था ,राज्यपाल की नियुक्ति, केंद्र द्वारा
केंद्र एवं राज्य के बीच शक्तियों का विभाजन ,अवशिष्‍ट शक्तियां केंद्र के पास.
  (7)  दक्षिण अफ्रीका:  -संविधान संशोधन की प्रक्रिया.
  (8)  रूस:  -मौलिक कर्तव्य.
  (9)  जापान:  -विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया.
(10) फ्रांस: -गणतंत्रात्मक शासन व्यवस्था ,स्वतन्त्रता, समानता एवं बंधुत्व का सिद्धान्त.

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